Tuesday, March 28th, 2023

तनाव से घिरे फूड डिलीवरी एजेंट्स, चिंताजनक हुई स्थिति, क्या कंपनियां उठाएंगी कुछ कदम? : Lokmat Daily

तनाव से घिरे फूड डिलीवरी एजेंट्स, चिंताजनक हुई स्थिति, क्या कंपनियां उठाएंगी कुछ कदम? : Lokmat Daily

हाइलाइट्स

फूड डिलीवरी एजेंट्स के लिए जोमैटो ने प्रोजेक्ट शेल्टर शुरू किया.
स्विगी अपने एजेंट्स और उनकी फैमिली को देता है एम्बुलेंस की सुविधा.
तनाव के कारण ड्रग्स का शिकार हो रहे हैं फूड डिलीवरी पार्टनर्स

नई दिल्ली. फूड डिलीवरी एजेंट्स के साथ आए दिन मारपीट व गाली-गलौज की खबरें सुनने को मिलती है. पहले से काम का तनाव झेल रहे ये एजेंट्स लोगों के इस तरह के रवैये से और बुरी मानसिक स्थिति में फिसल रहे हैं. ऑनलाइन फूड डिलीवरी की बढ़ती मांग ने बेशक डिलीवरी स्टाफ के रूप में नौकरियों के अवसर बढ़ाए हैं लेकिन इसी वजह से काम का बोझ भी तेजी से बढ़ा है. डिलीवरी बॉयज को किसी भी मौसम में ट्रैफिक का सामना करते हुए टाइम से ग्राहक तक पहुंचना होता है. अगर ऐसा नहीं होता तो उसके वेतन या नौकरी दोनों प्रभावित हो सकती हैं.

एक खबर के अनुसार, हाल ही में एक डिलीवरी एजेंट जब ऑर्डर लेकर कस्टमर के पास जा रहा था तो रास्ते में वह भारी जाम में फंस गया. इसकी वजह से वह ऑर्डर पहुंचाने में भी लेट हुआ और उसने ग्राहक को यह परिस्थिति बताई. हालांकि, ग्राहक ने ऑर्डर लेट पहुंचाने को लेकर उसकी कंपनी से शिकायत की और इसके बाद डिलीवरी एजेंट को नौकरी से निकाल दिया गया. ये कोई अकेला ऐसा उदाहरण नहीं है. दिल्ली-एनसीआर में तो डिलीवरी स्टाफ के साथ मारपीट की खबरें बहुत आम हो चली हैं.

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कंपनियों को कदम उठाने की जरूरत
इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप, सीएमआर के प्रभु राम ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि अगर फूड डिलीवरी स्टार्टअप सतत व लंबी अवधि की मार्केट लीडरशिप चाहते हैं तो उन्हें न केवल ग्राहकों को खुश करना होगा बल्कि अपने कर्मचारियों के बेहतर अनुभव का भी ध्यान रखना होगा. फोर्टिस हॉस्पिटल में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्च मिमांसा सिंह तंवर कहती हैं कि अनिश्चितता, जान का जोखिम, बहुत लंबे समय तक लगातार काम और वित्तीय बोझ जाहिर तौर पर इन लोगों की मानसिक स्थिति पर असर डाल रहा है. इन्हीं सब से किसी तरह पार पाने के लिए ये लोग कई बार गलत पदार्थों का भी सेवन शुरू करते हैं. इससे बचने के लिए मैनेजर-इम्पलॉयी संबंध बेहतर बनाने की जरूरत है.

कंपनियों द्वारा उठाए गए कुछ कदम
जोमैटो ने हाल ही में शेलटर प्रोजेक्ट नाम से एक पहल की है. इसके तहत कंपनी जगह-जगह रेस्ट पॉइंट बनाए हैं. यहां डिलीवरी एजेंट्स कुछ देर आराम कर सकते हैं, वॉशरूम इस्तेमाल कर सकते हैं. फोन चार्जिंग के लिए सॉकेट भी दिए गए हैं. जोमैटो इससे पहले 2020 में अपनी महिला कर्मचारियों के लिए साल में 10 दिन की पीरियड लीव की घोषणा कर चुका है. वहीं, स्विगी ने अपने डिलीवरी एजेंट्स के लिए एम्बुलेंस सर्विस लॉन्च की है.

Tags: Business news, Business news in hindi, Swiggy, Zomato

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