हाइलाइट्स
देश की सात मुख्य हाउसिंग मार्केट्स में लगभग 5 लाख घर ऐसे हैं, जो डिलीवर नहीं हो पाए.
इन घरों की कीमत 4.48 लाख करोड़ रुपये है. 77 प्रतिशत यूनिट्स केवल NCR और MMR में.
होम-बायर्स को रियल एस्टेट अथॉरिटी (RERA) के पास कन्ज्यूमर कम्पलेन्ट कर सकते है.
नई दिल्ली. दिल में अपने घर का सपना लिए लाखों लोगों ने बन रहे प्रोजेक्ट्स में अपने लिए घर बुक तो कर लिया, लेकिन शायद वे नहीं जानते थे कि ये उनके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं होगा. अब तो स्थिति ऐसी हो गई है कि जिन लोगों ने अपने और अपने बच्चों के रहने के लिए घर खरीदने का सोचा था, अब उनके बच्चे भी जवान हो चुके हैं और वे अपना घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं. इसे यूं भी कहा जा सकता है कि अपने घर का सपना लिए एक पीढ़ी गुजर गई, लेकिन ये साकार नहीं हो पाया.
अगर हम आंकड़ों की बात करें तो देश की सात मुख्य हाउसिंग मार्केट्स में लगभग 5 लाख घर ऐसे हैं, जो डिलीवर नहीं हो पाए. इन घरों की कीमत 4.48 लाख करोड़ रुपये है. यह जानकारी एक रियल एस्टेट कंस्लटेंसी एनारॉक (Anarock) की रिपोर्ट में पाई जा सकती है.
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NCR और MMR में 77 फीसदी प्रोजेक्ट
एनारॉक की रिपोर्ट कहती है कि मेट्रो अथवा बड़े शहरों के रियल एस्टेट मार्केट्स की डरावनी लेकिन असली तस्वीर प्रस्तुत करती है. नेशनल कैपिटल रीज़न (NCR) और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीज़न (MMR) में ही अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स का 77 फीसदी हिस्सा है. पुणे में 9 फीसदी प्रोजेक्ट लटके हैं तो कोलकाता में 5 फीसदी. देश के साउथ पार्ट की बात करें तो बेंगलुरु, चेन्नई, और हैदराबाद में कुल मिलाकर 9 फीसदी प्रोजेक्ट्स अभी डिलीवर नहीं हुए हैं.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके साथ लगते क्षेत्रों (NCR) में 2,40,610 यूनिट्स फंसी हुई हैं. इनकी कीमत 1.81 लाख करोड़ रुपये हैं. मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीज़न (MMR) में 1,28,870 यूनिट्स डिलीवर नहीं हो पाई हैं और इनकी कीमत 1.84 लाख करोड़ रुपये है. बेंगलुरु में 28,072 करोड़ रुपये की 26,030 यूनिट्स अटकी हैं. हैदराबाद में 11,310 करोड़ रुपये की लागत की 11,450 यूनिट्स अधर में हैं, जबकि चेन्नई में 5,190 यूनिट्स लटकी हुई हैं, जिनकी कीमत 3,731 करोड़ रुपये है. सातों बड़ी मार्केट्स में से केवल चेन्नई ही ऐसा बाजार है, जहां सबसे कम यूनिट्स हैं.
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कौन-कौन से प्रोजेक्ट्स लटके
प्रोजेक्ट का नाम |
यूनिट्स |
जगह |
Earth Techone, Sapphire Court, Copia |
4,708 |
NCR |
Lotus Panache |
4,236 |
NCR |
Earth Towne (Roma Dreams) |
3,400 |
NCR |
SARE Homes |
2,497 |
NCR |
Red Apple Homez/Red Apple Residency |
2,200 |
NCR |
Ajnara Ambrosia |
2,032 |
NCR |
Today Homes Ridge Residency |
1,750 |
NCR |
Runwal Sanctuary |
1,005 |
MMR |
Mantri Energia |
847 |
Bengaluru |
Raj Torres |
568 |
MMR |
Tashee Capital Gateway |
538 |
NCR |
Ozone Urbana |
320 |
Bengaluru |
क्या कहते हैं घर खरीदने वाले
जो भी प्रोजेक्ट अटके हुए हैं, उनमें किसी तरह का कोई कंस्ट्रक्शन या निर्माण होता न देख घर खरीदने वालों का हलक सूख रहा है. यदि कुछ प्रोजेक्ट्स में काम हो भी रहा है तो वह बेहद धीमी गति से चल रहा है. होम-बायर्स बिना किसी देरी के अपना घर पाना चाहते हैं और चाहते हैं कि वे और नुकसान न झेलें. वे इसका तुरंत समाधान पाने के लिए कानूनी मशविरा भी ले रहे हैं. मनीकंट्रोल ने घर खरीदने वाले कई लोगों से बात की तो एक कॉमन चीज जो सामने आई, वह यह थी कि लोग जल्द से जल्द अपना घर चाहते हैं. किसी को इंतजार करते हुए 11 साल हो चुके हैं तो कुछ लोगों ने रिटायरमेंट के बाद रहने के उद्देश्य से घर खरीदा था.
जब घर खरीदा गया था तो उसकी कीमत 30-40 लाख रुपये के बीच में थी. इसी के आधार पर कागजात बने थे. लेकिन अब जब लोग बिल्डर्स के पास पहुंच रहे हैं तो बिल्डर तरह-तरह की बातें करके उन्हें और पैसा देने को कह रहे हैं. कई जगहों पर तो 40 लाख के साथ 90 लाख रुपये और मांगे जा रहे हैं. लोग इसे देना नहीं चाहते और वे अब न्याय की आस लेकर अदालत की शरण में पहुंच रहे हैं.
एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
रियल एस्टेट की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि होम-बायर्स को सबसे पहले रियल एस्टेट अथॉरिटी (RERA)के पास कन्ज्यूमर कम्पलेंट करनी चाहिए कि उनके प्रोजेक्ट्स लटकाए जा रहे हैं. अथॉरटी या तो उन्हें उनका पैसा वापस दिलाने में मदद कर सकती है या फिर बिल्डर को जल्दी से घर बनाकर डिलीवर करने के लिए दबाव डाल सकती है.
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RERA में कैसे की जाए शिकायत
स्टेप 1 – रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरटी (RERA) में शिकायत दर्ज करने के लिए सबसे पहले आपको RERA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा. पोर्टल पर पहुंचने के बाद आपको “Complaint Registration” पेज खोजना होगा.
स्टेप 2 – Complaint Registration के लिंक पर क्लिक करें. अब आपको कम्पलेंट फॉर्म पर ले जाया जाएगा, जहां आपको शिकायत संबंधी पूरी डिटेल भरनी होगी.
स्टेप 3 – शिकायत करते समय आपसे आपकी पर्सनल जानकारी भी मांगी जाएगी, जैसे कि नाम, पता, संपर्क के लिए नंबर, और प्रोजेक्ट की जानकारी. शिकायतकर्ता इससे संबंधित डॉक्यूमेंट्स भी अटैच कर सकते हैं.
स्टेप 4 – जब फॉर्म पूरी तरह भर जाएगा, तो शिकायतकर्ता को शिकायत के लिए 1 हजार रुपये भी देने होंगे. यदि निर्णायक अफसर (Adjudicating Officer) के सामने शिकायत पहुंचानी है तो आपको 5,000 रुपये देने होंगे. इस ट्रांजेक्शन को पूरा करने के लिए आप ऑनलाइन पेमेंट भी कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 05, 2022, 17:55 IST