नई दिल्ली. पिछले कई महीनों के बाद देश के घरेलू बाजार (Domestic Market) में अब सरसों (Mustard Oils), मूंगफली (Groundnut), सोयाबीन और पामोलीन सहित सभी खाने वाले तेल की कीमतों में गिरावट (Edible oils prices Down) देखने को मिल रही है. हालांकि, विदेशी बाजारों में अभी भी तेल की कीमतों में कमी नहीं आई है. घरेलू मार्केट में सोयाबीन, सरसों, पामोलीन और मूंगफली समेत कई खाने वाले तेलों के दामों में 7 से 10 रुपये प्रति लीटर की गिरावट आई है. जानकारों की मानें तो ये गिरावट इंडोनेशिया द्वारा निर्यात खोले जाने के बाद आई है. सोयाबीन और पामोलीन तेलों के दाम में तकरीबन 100 डॉलर की कमी आई है. हालांकि, विदेशों में अभी भी सूरजमुखी तेल की कीमतें बढ़ी हुई हैं.
आपको बता दें कि भारत के घरेलू बाजारों में इन दिनों महंगाई से आम लोगों के घरों का बजट बिगाड़ गया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार कच्चे तेल, गैस और दूसरी कमोडिटीज की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है. लेकिन, बढ़ती महंगाई के बीच मोदी सरकार ने एक राहत की खबर दी है. पिछले दिनों ही इंडोनेशिया की सरकार ने पॉम ऑयल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को 23 मई से हटाने का ऐलान किया था.
भारत के घरेलू बाजारों में इन दिनों महंगाई से आम लोगों के घरों का बजट बिगाड़ गया है.
घरेलू बाजारों में सरसों तेल की कीमत क्या है
इस समय देश के घरेलू बाजारों में सरसों तेल की कीमत उच्चतम स्तर से तकरीबन 45 से 50 रुपये प्रति लीटर कम है. इस हिसाब से अगर आप महीने में अगर 10 लीटर तेल की खरीदारी करते हैं तो आपको 450-500 रुपये तक आसानी से बचा सकते हैं. बड़े राज्य जैसे, यूपी बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सरसों तेल की कीमत 170 रुपये प्रति लीटर के नीचे है.
प्रति लीटर खाद्य तेलों में इतनी गिरावट
यूपी के कई शहरों में सरसों तेल की कीमत कम चल रही है. पिछले महीने के आखिरी सप्ताह में प्रयागराज में सरसों तेल की कीमत 180 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई थी. वहीं, मुजफ्फरनगर, शामली, फिरोजाबाद, मैनपुरी में भी तकरीबन इसी भाव पर खाने के तेल मिल रहे थे.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल, गैस और दूसरी कमोडिटीज की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्यों दाम बढ़ गए थे?
पिछले कुछ महीनों से विदेशों में ऊंचे दाम पर खाने वाले तेल मिल रहे थे, जिससे आयात घटा दिया गया था. लेकिन, अब स्थानीय मांग की पूर्ति सोयाबीन, मूंगफली, बिनौला और सरसों से की जा रही है. इस बीच इंडोनेशिया ने सोयाबीन और पामोलीन तेलों के दाम लगभग 100 डॉलर घटा दिया है. इससे आयात भी होने लगे हैं. आने वाले दिनों में इंडोनेशिया से तेल आने के बाद खाद्य तेलों के दामों में और गिरावट दर्ज की जा सकती है.
क्या कहते हैं जानकार
एक्सपर्ट्स की मानें तो आने वाले दिनों में देश में सरसों के तेल की किल्लत हो सकती है. इसलिए खाद्य तेल आपूर्ति की दिक्कतों से बचने के लिए सरकारी खरीद एजेंसियों को सरसों जैसे तिलहनों का स्टॉक बना लेना चाहिए. साथ ही राज्य सरकारों को चाहिए कि खुदरा कारोबार में हो रहे धांधली पर लगाम लगाए.
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इधर, केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल के दामों में उत्पाद शुल्क को कम करने को महंगाई कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. कैट ने कहा की इस छूट से अब अकेले रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में कम से कम 10% की कमी होनी चाहिए. जाहिर है कि बढ़ती महंगाई को नियंत्रण करने की जद्दोजहद में जुटी भारत सरकार के लिए यह एक राहत की खबर है.
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FIRST PUBLISHED : May 23, 2022, 13:47 IST